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धौलपुर जिला राजस्थान राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है और यह राज्य के प्रमुख कृषि उत्पादक क्षेत्रों में से एक है। जिले की कृषि अर्थव्यवस्था का स्थानीय समाज और आर्थिक संरचना पर गहरा प्रभाव है, जिससे यह क्षेत्रीय विकास का मुख्य आधार बनता है। यहाँ की कृषि गतिविधियाँ न केवल स्थानीय स्तर पर आजीविका का मुख्य साधन हैं, बल्कि यह राज्य की समग्र कृषि उत्पादकता में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। धौलपुर जिले में मुख्य रूप से ज्वार, बाजरा, गेहूं, और चना जैसी फसलों का उत्पादन किया जाता है, इसके अलावा यहाँ मक्का और गन्ने जैसी नकदी फसलों का भी उत्पादन होता है। जिले की कृषि गतिविधियाँ आमतौर पर वर्षा आधारित होती हैं, लेकिन सिंचाई सुविधाओं की उपलब्धता ने क्षेत्रीय कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में मदद की है। धौलपुर जिले का भूगोल और जलवायु कृषि उत्पादन के संदर्भ में विशेष महत्व रखते हैं। यहाँ की मिट्टी की संरचना और जलवायु परिस्थितियाँ विभिन्न प्रकार की फसलों की वृद्धि के लिए उपयुक्त हैं, लेकिन इसकी उत्पादकता जल संसाधनों पर अत्यधिक निर्भर करती है। जिले में नदियाँ और जलाशय, जैसे कि कंसल नदी, सिणधरी जलाशय और कई अन्य जलाशय, कृषि के लिए जल आपूर्ति करते हैं। हालांकि, इन जल स्रोतों का प्रभावी उपयोग और जल प्रबंधन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, विशेष रूप से मानसून की असमान बारिश के कारण।
इसके अलावा, धौलपुर में पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है। यह किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत है और कृषि के साथ एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करता है। जिले में बकरियाँ, गायें, और मुर्गियाँ प्रमुख रूप से पाली जाती हैं, जो किसानों के लिए दूध, मांस और अंडे प्रदान करती हैं। हालांकि, जिले में कृषि और पशुपालन दोनों को प्रभावी रूप से प्रबंधित करने के लिए उपयुक्त योजनाओं और संसाधनों की आवश्यकता है।
इस अध्ययन का उद्देश्य धौलपुर जिले में कृषि के वर्तमान स्वरूप का गहराई से विश्लेषण करना है। इसमें कृषि उत्पादकता, सिंचाई व्यवस्था, जल प्रबंधन, मिट्टी की उर्वरता और फसल विविधीकरण जैसी प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके साथ ही, इस अध्ययन में कृषि विकास के लिए उपयुक्त नियोजन, नीति निर्माण और सरकारी योजनाओं पर विचार किया जाएगा। यह अध्ययन न केवल कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए रणनीतियाँ प्रदान करेगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन, जल संकट और भूमि उपयोग की समस्याओं को भी ध्यान में रखते हुए कृषि योजनाओं को पुनः विकसित करने की दिशा में मार्गदर्शन करेगा।
इस अध्ययन का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि जिले में कृषि क्षेत्र के लिए संसाधन प्रबंधन, तकनीकी नवाचार और सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उचित नियोजन कैसे किया जा सकता है, इस पर गहन विचार किया जाए। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए यह अध्ययन धौलपुर जिले में किसानों की स्थिति को समझने और कृषि की स्थिरता और विकास के लिए सुझाव देने में सहायक होगा।
Keywords:
कृषि, धौलपुर, नियोजन, जलवायु, फसल उत्पादन, प्राकृतिक संसाधन, कृषि विकास।
Cite Article:
"धौलपुर जिले में कृषि का विश्लेषण एवं नियोजन", International Journal of Science & Engineering Development Research (www.ijrti.org), ISSN:2455-2631, Vol.9, Issue 11, page no.203-211, November-2024, Available :http://www.ijrti.org/papers/IJRTI2411022.pdf
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ISSN:
2456-3315 | IMPACT FACTOR: 8.14 Calculated By Google Scholar| ESTD YEAR: 2016
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